श्री गिरिराजधरण सत्संग समिति (24 श्रेणी पालीवाल ब्राह्मण समाज) इंदौर का आयोजन... सर्व पितृ पुण्य स्मृति, श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ.. जीवात्मा को भगवान से  मिलाएं वह योग माया- महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद गिरी महाराज सात दिवसीय भागवत कथा में श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह में ठाकुर जी एवं बरात का हुआ भव्य  स्वागत,  मनाया माखन मिश्री के साथ श्री कृष्ण जन्मोत्सव

 श्री गिरिराजधरण सत्संग समिति (24 श्रेणी पालीवाल ब्राह्मण समाज) इंदौर 


 इंदौर। (श्रवण डी.जोशी)

जिस घर में नारी का सम्मान नहीं वहां सुख नहीं हो सकता। जीवात्मा को जो भगवान से मिला दे वही योग माया।

  उक्त बात निरंजनी अखाड़ा पीठाधीश्वर चारधाम मंदिर  उज्जैन के महामंडलेश्वर श्री शांति स्वरूपानंद गिरी  महाराज ने श्री गिरिराजधरण सत्संग समिति 24 श्रेणी पालीवाल ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित सर्व पितृ पुण्य स्मृति श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में कहीं।

 उन्होंने  बेटी बचाओ का संदेश देते हुए  कहा कि बेटी नहीं तो कल बहू कहां से लाओगे.. मां भी किसी की बेटी होगी। मां के कोख से भगवान ने जन्म लिया वही बड़े बड़े संत हुए। गिरि जी महाराज ने भागवत कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं के साथ ही भगवान श्री राम चरित्र  प्रसंग पर कथा श्रवण कराई।

 उन्होंने कहा कि मोर निष्काम पंछी होता है इसलिए भगवान अपने सिर पर धारण करते हैं।

दूर के शब्द सुन लेना ही ध्यान कहलाता है। जो सत्य का दर्शन एवं अज्ञान का हरण कराए   वही गुरु है। उन्होंने कहा कि जन्म मरण में नहीं फंसना हो तो उपासना करो। जो भगवान  की भक्ति करता है वह इस दुनिया में वापस नहीं आता। जिसके सर पर तिलक  हो उसको यमराज भी कहेंगे कि भगवान का भगत है। आत्मा अजर अमर है। शरीर जलने के बाद भी आत्मा कभी मरती नहीं। संतों की वाणी पर अटूट विश्वास होना चाहिए।

 गिरि जी महाराज ने  कथा प्रसंगों के साथ ही भजनों की गंगा बहाई जिसमें, चली जा रही है उमर धीरे धीरे, बचपन भी बीता, जवानी भी बीती, बुढ़ापे का असर धीरे-धीरे...... महाकाल की इस नगरी में लेकर जन्म दोबारा,शंकर भोलेनाथ है हमारे तुम्हारे..... माटी के पुतले चलना पड़ेगा जरूर, ठाट बाट यहीं रह जाएंगे..... नैन कजरारे जिनके बाल घुंघराले काले ..... जैसे सुंदर भजनों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पुरुष एवं महिलाएं इन सुंदर भजनों पर थिरक उठे।

 कथा आयोजक सर्वश्री शंकरलाल जोशी (बाऊजी), नारायण जोशी (दादा), राजेश जोशी (पालदा), बंसी जोशी, श्रवण डी.जोशी ने बताया कि 17 से 23 जनवरी तक हुई इस सात दिवसीय कथा के दौरान भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का मंचन भी किया गया वही श्री सांवरिया रामायण मंडल पालीवाल ब्राह्मण समाज, 44 श्रेणी द्वारा संगीतमय सुंदरकांड  पाठ के साथ ही सुप्रसिद्ध राजस्थानी भजन गायक महेश ठाकुर द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुतियां दी गई।

 आयोजक नवीन जोशी  (गेहूं वाला), मनोज जोशी, (छावनी), मुकेश जोशी (नंदनी डेरी), कैलाश पालीवाल (केलवा), प्रहलाद जोशी (मंदार), देवीलाल पुरोहित, किशोर जोशी (अलकापुरी), ने संयुक्त रूप से बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा  के साथ हुआ। यात्रा में बाजे,घोड़े, लवाजमा के साथ ही पुरुष वर्ग मेवाड़ी परिधान में पोथी को सर पर धारण कर, गिरिराज धरण के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। महिलाएं लाल चुनरी पहन सर पर कलश धारण कर कोकिल स्वर में गीत गाते हुए चल रही थी। मोहनलाल पुरोहित, छगनलाल जोशी (नोट प्रेस) ने बताया कि यात्रा मूसाखेड़ी चौराहा श्री राम मंदिर से प्रारंभ होकर कथा स्थल पालीवाल  साकरोदा मांगलिक परिसर मयूर नगर के सामने मुसाखेड़ी पहुंची।  यात्रा का जगह-जगह मंच बनाकर हार फूल मालाओं से स्वागत अभिनंदन किया गया। तथा समाप्ति के दूसरे दिन यज्ञ अनुष्ठान किया गया।  हजारों श्रद्धालुओं ने महा प्रसाद ग्रहण किया।

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 सात दिवसीय कथा में यह  रहे पावन प्रसंग

 

युगपुरुष श्री परमानंद जी महाराज के के कृपा पात्र शिष्य महामंडलेश्वर श्री शांतिस्वरूपानंद गिरी महाराज ने गोकर्ण धुंधकारी कथा, सुखदेव आगमन, सृष्टि वर्णन, ध्रुव प्रहलाद चरित्र, बलि वामन प्रसंग, भगवान श्री राम के चरित्र  कथा का चित्रण किया गया। आयोजन के चौथे दिन कृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया  वही माखन मिश्री का भोग धराया गया। सभी श्रद्धालुओं जन ने लालन जी को लाड लड़ाए और नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल  की उद्घोष के साथ खेल-खिलौने एवं लड्डू लुटाए गए। भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न बाल लीलाएं एवं गोवर्धन पूजा के साथ ठाकुर जी को 56 प्रकार के व्यंजनों का छप्पन भोग धराय गए। तत्पश्चात छठे दिन उद्धव ब्रज गमन एवं श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह, सुदामा चरित्र, सुखदेव विदाई के विभिन्न  प्रसंगो पर कथा श्रवण कराई गई। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण किया।

 

 

 आप सभी की रही गरिमामय उपस्थिति

 

कार्यक्रम में विशेष रूप से सर्वश्री नवनीत पालीवाल (मंडा), मुकेश जोशी (अध्यक्ष 24 श्रेणी), प्रतापमल जोशी, मांगीलाल जोशी (अध्यक्ष  साकरोदा जनसेवा),   गणेशलाल जोशी, काशीराम जोशी, श्याम दवे (अध्यक्ष 44 श्रेणी), भोलीराम त्रिवेदी, ओमप्रकाश जोशी (केलवा), रमेश उपाध्याय, रामचंद्र बागोरा, कैलाश पुरोहित, प्रकाश जोशी, भोलीराम पुरोहित, बंसीलाल जोशी,  हीरालाल जोशी (मैसर), लक्ष्मण जोशी, (साकरोदा), हीरालाल जोशी (साकरोदा), सुखलाल जोशी, कन्हैयालाल व्यास, दिनेश जोशी, ललित पुरोहित, घनश्याम डी जोशी, पत्रकार शेखर बागोरा, गोपाल जोशी,  मोहनलाल जोशी (धोइंदा), बंसीलाल जोशी (धर्मेटा), जगदीश मामा, मनीष पुरोहित, लक्ष्मीनारायण जोशी, मुन्नालाल जोशी, सूरज जोशी, शांतिलाल जोशी, प्रदीप पालीवाल, मेनारिया  समाज से प्रकाश जोशी, ओम पानेरी, राजेश जोशी, विनोद जोशी, मोनू जोशी, जयचंद पानेरी, राजेश पानेरी, किशनलाल जोशी (मंदार), सुरेश व्होरा, भरत जोशी (खजराना), राजेश जोशी (नाथद्वारा), राजकुमार जोशी, सतीश जोशी, इंदरमल जोशी, कमल जोशी, राजेश डी जोशी, खुमानचंद जोशी, मनोज जोशी, हीरालाल जोशी, चेतन जोशी, खेमराज जोशी, नरेश पालीवाल (खजराना), अशोक जोशी, वासुदेव पुरोहित, पत्रकार दिनेश जोशी, सुनील पालीवाल, प्रवीण जोशी, के एल जोशी, महेश जोशी, पप्पू मेहता, योगेश जोशी (बाबू), प्रभुशंकर पालीवाल रामकिशन जोशी आदि जन  सहित महिला मंडल भी उपस्थित थी

 


रुक्मणी विवाह में ठाकुर जी  मेवाड़ी ठाट बाट के साथ दूल्हा बन पधारे।

 

श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन पालीवाल जय अंबे ग्रुप द्वारा ठाकुर जी की भव्य बरात बाजे गाजे और बग्गी के साथ कथा स्थल पर पहुंची। ग्रुप के अखिलेश जोशी ने बताया कि रुक्मणी विवाह के दौरान ठाकुर जी को वैवाहिक विधि विधान से हल्दी लगाई, स्नान कराया वही ठाकुर जी  का विशेष श्रृंगार सुशोभित कर दूल्हा बन बारात  धूमधाम से निकाली। 

बारात 152 इमली बाजार पालीवाल भवन अन्नपूर्णा मंदिर से गिरिराजधरण की जयकारों के साथ प्रारंभ हुई। बराती ठाकुर जी के साथ मुसाखेड़ी स्थित सांवरिया मंदिर  पधारे वहां से पुनः बालस्वरूप ठाकुर जी  मेवाड़ी ठाट बाट के साथ श्रद्धालुओं के सर पर धारण  होकर कथा स्थल पालीवाल साकरोदा मांगलिक परिसर पहुंचे जहां  गिरिराजधरणसत्संग समिति 24 श्रेणी पालीवाल ब्राह्मण समाज के सदस्यों  के साथ ही हजारों श्रद्धालुओं द्वारा ठाकुर जी  की अगवानी की गई।  श्रद्धालुओं ने ठाकुर जी के साथ ही बारातियों का भव्य स्वागत अभिनंदन किया।

 बारात में हीरालाल उपाध्याय, अंबालाल जोशी, हीरालाल जोशी, चांदमल जोशी, किशनलाल जोशी, ललित पुरोहित, सुरेश जोशी, गिरीश जोशी,श्री पालीवाल जय अंबे ग्रुप के अखिलेश जोशी, नितिन जोशी, उमेश पुरोहित, शैलेंद्र जोशी, नरेश पुरोहित, पंडित हेमंत  पुरोहित, अतुल जोशी  आदि जन विशेष तौर पर उपस्थित थे।

 

रुकमणी जी की विदाई के साथ कन्यादान की रस्म।

 

श्री गिरिराजधरण समिति द्वारा ठाकुर जी की पूजा अर्चना  के साथ कन्यादान  की रस्म की, आयोजकों ने ठाकुरजी को सर पर धारण कर वही ठाटबाट से बिदाई एवं मंगल गीतों के साथ बिदाई  दी गई।